SIP Investment Plan: छोटे निवेश से कैसे बनता है बड़ा फंड…

आजकल लोग सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट में मिलने वाले कम ब्याज से खुश नहीं हैं। ऐसे में SIP Investment Plan सबसे ज्यादा चर्चा में है। कई लोग इसमें पैसा लगाना चाहते हैं लेकिन उनके मन में डर रहता है कि पैसा डूब जाएगा। दरअसल SIP एक आसान तरीका है जिससे छोटे-छोटे निवेश से लंबे समय में बड़ा फंड बनाया जा सकता है, बशर्ते आप इसे समझदारी से करें।

SIP का मतलब क्या होता है

SIP यानी Systematic Investment Plan, म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे आसान रास्ता है। इसमें आपको हर महीने 500 या 1000 रुपये जैसी छोटी रकम डालने का मौका मिलता है। यह पैसा सीधे आपके बैंक अकाउंट से कटकर म्यूचुअल फंड में चला जाता है। फायदा ये है कि आपको शुरुआत में बड़ी रकम लगाने की जरूरत नहीं पड़ती।

पैसा डूबेगा या नहीं

SIP Investment Plan शेयर मार्केट से जुड़ा होता है, इसलिए इसमें उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। यही वजह है कि शॉर्ट टाइम में कभी रिटर्न कम भी मिल सकता है। लेकिन अगर आप 10 से 15 साल तक SIP जारी रखते हैं तो रिस्क लगभग खत्म हो जाता है। लंबे समय का रिकॉर्ड बताता है कि जिन्होंने धैर्य रखा उन्हें हमेशा अच्छा फायदा मिला।

लंबी अवधि का फायदा

SIP का असली मजा लंबी अवधि में मिलता है। वजह है कंपाउंडिंग का असर। जितना ज्यादा समय तक पैसा लगा रहेगा, उतना ज्यादा ब्याज उस पर जुड़कर फंड को बड़ा बना देगा। अगर आप बीच में SIP तोड़ देंगे तो पूरा फायदा नहीं मिलेगा। इसलिए समझदारी इसी में है कि SIP को कम से कम 10 साल तक जारी रखें।

नियमित निवेश की अहमियत

SIP की खूबी यह है कि यह आपको अनुशासन सिखाती है। तय तारीख पर तय रकम अपने आप निवेश हो जाती है। इससे सेविंग की आदत भी बन जाती है। अगर बीच में SIP रोक दी जाए तो रिटर्न पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए चाहे रकम छोटी हो, लेकिन लगातार निवेश करना जरूरी है।

सही SIP चुनने के तरीके

हर SIP हर किसी के लिए सही नहीं होती। SIP Investment Plan चुनते समय फंड का पुराना ट्रैक रिकॉर्ड, 5 से 10 साल का रिटर्न और रिस्क लेवल देखना जरूरी है। अगर आप ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते तो बैलेंस्ड या डेट फंड सही रहेंगे। वहीं ज्यादा मुनाफा चाहिए तो इक्विटी फंड अच्छा विकल्प हो सकता है।

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